Hello Friends अगर आप एक Student है जाहीर है पढ़ाई करना आपके लिए उतना ही जरूरी होगा जितना आपको भोजन करना और उम्मीद है आप बेहद मन लगा कर दिल से पढ़ते होंगे लेकिन कभी कभी पढ़ाई के दौरान कुछ ऐसे Topics आ जाते है जो Teachers के लाख समझने के बाद भी आपको समझ नहीं आता इसलिए ऐसे ही जटिल Topics को Clear करने के लिए Knowledge Panel आपके लिए लेकर आ रहा है Online Learning Program (OLP) जहां Experts के द्वारा आपको कुछ छोटे छोटे Topics पर एक विस्तृत जानकारी दी जाएगी जो Hindi एवं English माध्यम के सभी Students के लिए Helpful साबित होगी ।
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international woman's day celebration 2021
दोस्तो 8 March को पूरी दुनिया International women's day के रूप मे मनाती है आइये जानते है इसके पीछे की पूरी कहानी की क्यू मनाई जाती है ये Day और कितना सुरशित है दुनिया की महिलाए ।
International women's day अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष,8 March को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
कैसे हुई शुरुआत International women's day की ?
इसकी शुरुआत, America के New York City में 23 February 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। सन 1910 में Socialist International के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख उदेश्य था महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना ,क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
1917 में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। तत्कालीन सरकार ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया। उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी इतवार 23 फ़रवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी। इस समय पूरी दुनिया में (यहां तक रूस में भी) ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है। इसी लिये 8 March को International women's day के रूप में मनाया जाने लगा। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन यानि 8 March को एक National Holiday घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है।
कुछ क्षेत्रों में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए International women's day को बड़े जोर-शोर से मनाया जाता हैं। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं।
इस Woman's Day आइये जानते है कितना सुरक्षित है धरती की महिलाये -
World बैंक के आंकड़े बताते है की पूरी दुनिया मे तकरीबन 7,632,819,325 ( सात अरब से भी ज्यादा ) लोग रहते है जिसमे 49.55 % महिलाए है और धरती के 81 देश ऐसे है जहां महिला की जनसंख्या अधिक है और 36 देश को पुरुष प्रधान देश बताया गया है । प्रत्येक 107 पुरुष पर 100 महिला का अनुपात का अनुमान है ।
अब आइए जानते है धरती पे 10 ऐसे देश का नाम जहां महिला सुरक्षित है -
The world's 10 safest countries For Woman , according to the World Economic Forum (WEF).
- Finland
- UAE
- Iceland
- Oman
- Hong Kong
- Singapore
- Norway
- Switzerland
- Rwanda
- Qatar
अब जानिए कुछ ऐसे भी देश जहां महिला बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है -
- India
- Afghanistan
- Syria
- Somalia
- Saudi Arabia
- Pakistan
- Democratic Republic Of Congo
- Yemen
- Nigeria
- USA
इन आकड़ों से आप इतना समझ गए होंगे की धरती के इंसान की के उत्पत्ति करने वाली कितनी असुरक्षित है । आइये इस Woman's Day हम सब ये शपथ ले की महिला की सुरक्षा ही हमारी सुरक्षा है । -
इस Woman's Day कुछ पंक्तियाँ उन महिलाओ के नाम जो अशुरक्षित है और उन महिलाओ के नाम जो हर कुरुतियों का सामना कर के दुनिया मे अपनी अलग पहचान बनाई ।
ज़िन्दगी का सार है तू ज़िन्दगी का आधार है तू ,
हर पल हर पग मिलती बयार है तू,
संस्कार हो या सादगी ममता हो या मीत,
अपने दामन में सबको संजोयी है तू,
समाज की सच्ची शिल्पकार है तू,
दुर्गा है तू काली है तू
खुदा की अनोखी बनावट है तू,
चाहे कैसा हो रूप हर रूप में खुद को संभाली है तू,
कभी माँ बनकर ममता के आंचल में रखा ,
कभी मीत बनकर जीवन को संवारा,
कभी साथ चल कर जीना सिखाया,
कुदरत की खूबसूरत बनावट है तू,
ज़िन्दगी देने वाली जीवनदायनी है तू,
नारी है तू महिला है तू बेटी है तू संगनी है तू
तभी तो कहते है
ज़िन्दगी का सार है तू ज़िन्दगी का आधार है तू ,
हर पल हर पग मिलती बयार है तू,
By Angesh Upadhyay
International women's day पे लिखी ये Article कैसा लगा आपको हमे अपना विचार Comment या ईमेल knoweldgepanel123@gmail.com जरिये हमे जरूर बताए .

Mutual Funds Kya hai and how to earn money from mutual funds in India
Hello Friends अक्सर हम Bank मे या अपने दोस्तो रिस्तेदारों से Mutual Funds , SIP, Lumpsump जैसे investment करने के तरीकों के बारे मे सुनते रहते है लेकिन इसके बारे मे जानकारी ना होने के कारण हम इसे ignore कर देते है तो Knowledge Panel के इसी Segments मे जानते है क्या होता है Mutual Fund और कैसे करते है इसमे Investment ?
What is Mutual Funds ?
What is Act 370 and 35 A? read Details in hindi
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाला भारत की खूबसरत राज्य जम्मू कश्मीर पुरे दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है हर कोई रहना चाहता है इस शहर में लेकिन हर कोई नहीं रह सकता इस खूबसूरत शहर में तो आइये जानते है क्या आप रह सकते है अपने ही देश भारत के इस खूबसूरत शहर में ?
भारतीय संविधान में अपना विशेष स्थान रखने वाला यह राज्य का अपना कानून है आइये जानते है कुछ महत्वपूर्ण नियम,धाराएं ,एक्ट जो जम्मू कश्मीर में लागु है। इन्हीं नियमो और धारा में एक धारा है 370 और 35 A जो भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद लागू की गई
क्या है धारा 370? जानिए इसकी विस्तृत जानकारी
- जम्मू कश्मीर को इस धारा के अंतर्गत कुछ विशेष दर्जा प्राप्त है जो भारत के बांकी राज्यो को नहीं है ।
- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
- जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
- जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का यहां कोई महत्व नहीं है ।
- जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है।
- कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है। इस कानून के अंतर्गत महिलाओ को कोई विशेष अधिकार नहीं प्राप्त है । इस कानून के अंतर्गत मुसलमानों के घरेलू, पारिवारिक, उसमें भी खासकर शादी, तलाक, बच्चों से संबंधित मामलों और पति-पत्नी, माता-पिता के बीच सभी मामलों का शरीयत कानून के हिसाब से ही समाधान निकाला जाता है। भारतीय कानून उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। इस्लामिक समाज इसी शरीयत कानून या शरीया कानून के हिसाब से चलता है।
- कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
- जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
- भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
- भारत की संसद को जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई (RTI) और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते है।
- कश्मीर में चपरासी को 2500 रूपये ही मिलते है।
- कश्मीर में अल्पसंख्यकों [हिन्दू-सिख] को 16% आरक्षण नहीं मिलता।
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
- धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।
- धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिये।
- इसी विशेष दर्ज़े के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती। इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं है।
- 1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता। इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि ख़रीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में ज़मीन नहीं ख़रीद सकते। लेकिन अगर वहाँ के निवासी किसी अन्य राज्यो मे जमीन लेना चाहे तो वो धारा 370 के तहत निजी कार्य के लिए जमीन ले सकता है ।
- भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
कैसे शुरुआत हुई इस धारा की ?
आजादी से पहले पाकिस्तान और भारत दोनों एक थे लेकिन जब पाकिस्तान और हिंदुस्तान का बटवारा हुआ तो उस दौरान जम्मू कश्मीर की सत्ता राजा हरीसिंह के हाथ मे थी वो कश्मीर का पूर्ण रुपेण स्वतंत्रा चाहते थे लेकिन उसी दौरान पाकिस्तानी देश के समर्थक कालीबाइ ने जम्मू कश्मीर पर भरी आक्रमण कर दिया और राजा के सामने प्रस्ताव रखा की वो पाकिस्तान मे शामिल हो जाए । उस दौरान ही भारतीय संविधान सभा मे गोपालस्वामी अयांगर ने धारा 306 A को पेश किया जो बाद मे 370 मे तब्दील हो गई और 26 जनवरी 1957 को इस विशेष धारा को लागू कर दिया गया जिसके साथ ही जम्मू कश्मीर को भारत के अन्य राज्यो के अपेक्षा अलग अधिकार प्राप्त हुये ।अब जानिए क्या है धारा 35 A?
- यह धारा 370 का ही हिस्सा है जिसे अनुच्छेद 35A कहा गया है जिसे भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद 14 मई 1954 को लागू किया था। इस आदेश के राष्ट्रपति द्वारा पारित किए जाने के बाद भारत के संविधान में इसे जोड़ दिया गया।इस धारा के तहत जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के किसी भी राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता इसके साथ ही वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता।
- इस संविधान के मुताबिक स्थायी नागरिक वो व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो. साथ ही उसने वहां संपत्ति हासिल की हो।
- अनुच्छेद 35A से जम्मू-कश्मीर सरकार और वहां की विधानसभा को स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता है. इसका मतलब है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे।
- अनुच्छेद 35A के मुताबिक अगर जम्मू-कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं. साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं।
यानि अगर आप धरती के जन्नत मे रहना चाहते है तो आपको 10 वर्ष पहले जाकर फिर से जन्म लेना होगा जो संभव नहीं है ।
दोस्तो बीते कुछ दिनों से सभी राजनीतिक दलों ने इसे हटाने की बात कर रही है आइये जानते है क्यौ हटाया जा रहा है इस अनुच्छेद को ।
क्यों हटाया जा रहा है?
इसे खत्म करने की बात इसलिए हो रही है क्योंकि इस अनुच्छेद को संसद के जरिए लागू नहीं किया गया है, दूसरा कारण ये है कि इस अनुच्छेद के ही कारण पाकिस्तान से आए शरणार्थी आज भी राज्य के मौलिक अधिकार और अपनी पहचान से वंचित हैं।
शायद इसीलिए कश्मीर मे पाकिस्तानियों ने अपना अधिकार आसानी से जमा लिया है ।
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Information Sources - Google,News and Books