Hello Friends प्रत्येक वर्ष भारत मे 14th November को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस के शुभवसर पर उनकी याद मे बाल दिवसChildren’s Dayमनाया जाता है क्यूंकि पंडित नेहरू को बच्चों से अपार स्नेह था इसलिए इनके जन्मदिन के अवसर पर दिवस मनाया जाता हैइसलिए बच्चे उन्हे चाचा नेहरू कह कर भी पुकारते थे ।यूं तो 20 November को World Children’s Day मनाया जाता है लेकिन भारत इसे 14th November को मनाती है ।
पंडित नेहरू हमेशा से बच्चों को अच्छी शिक्षा,पोषण और उनकी अच्छी देखभाल का विशेष ख्याल रखते थे शायद इसलिए बाल दिवसChildren’s Dayके उपलक्ष पर पूरे देश मे बच्चों की अच्छी शिक्षा और बेहतर पोषण पर तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है ।
वर्ष 2018 मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के 60 MP (सांसद) ने सरकार को एक पत्र लिख कर बाल दिवस (Children’s Day) 14th November के बजाय 26 December को मनाए जाने की सिफारिस की और पत्र मे ये भी गया गया की 14th November को Chacha Diwas यानि Uncle Day मनाया जाये क्यूंकि बच्चे उन्हे चाचा नेहरू कहते थे ।
आपके जानकारी के लिए बता दूँ की औरंगजेब के शासन के दौरान श्री गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्र Sahibzada Ajit Singh (18), Sahibzada Jujhar Singh (14), Sahibzada Zorawar Singh (9) और Sahibzada Fateh Singh (7) 25 December को शहीद हो गए थे इतने कम उम्र मे इनकी वीरता को देखते हुये West Delhi के सांसद प्रवेश साहब सिंह वर्मा के नेतृत्व मे 59 सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी को 25 December को Children’s Day मनाने का निवेदन किया ।
वर्मा जी के इस निवेदन को सरकार ने जायज बताया और आवेदन स्वीकार कर लिया अब कई सारे कानूनी प्रक्रिया के बाद इसे पूरे देश मे लागू कर दिया जाएगा ।
चूंकि Children’s Day का मकसद बच्चो को सही शिक्षा और देश मे होने वाले बाल अपराध को रोकना है इन्ही बातों को ध्यान मे रखते हुये नीचे दिये गए पैराग्राफ को जरूर पढे ।
दोस्तों भारत मे अपने कुछ इलाके मे ऐसे कई कारखाने होटल और अन्य स्थानो पर छोटे बच्चों को काम करते देखा होगा,भारत सरकार इसे रोकने के लिए कई सारे योजना चला रही है देश मे Chlild Labour गैर कानूनी है और इसके दोषी पाये जाने पर कठोर सजा का भी प्रवाधान है लेकिन इन सबके बाबजुद देश मे Child Labour और इससे जुड़े कई सारे Child Abusing खत्म नहीं हुई है ।
एक होटल या ढाबे मे काम करने वाले एक बच्चे के दिल मे ये सवाल जरूर उठती होगी । एक होटल मे काम करने वाले एक बच्चे का संदेश –
” मेरा नाम आशु (काल्पनिक नाम) है ,
लेकिन लोग मुझे छोटू के कर बुलाते है ,
मैं सिर्फ 8 साल का हूँ ,
कहते है 14 साल के कम उम्र के बच्चे काम नहीं करते,
लेकिन मुझे जबर्दस्ती काम करने के लिए कहा जाता है,
मुझे अपने मम्मी पापा से कोई उपहार नहीं मिलता,
लेकिन हर महीने मैं अपनी कमाई अपने मम्मी पापा को दे देता हूँ,
मुझे हर सुबह कोई चाय नस्ता नहीं देता,
लेकिन मैं हर रोज चाय नस्ता दूसरों को देता हूँ,
मुझे पढ़ना लिखना नहीं आता ,
लेकिन मुझे इतना पता है की गंदी और झूठी टेबल कैसे साफ करते है,
मुझे होमवर्क ना करने पर कोई सजा नहीं मिलती,
लेकिन अगर मुझसे कोई ग्लास टूट गया तो मुझे सजा जरूर मिलती है ,
मैं नहीं जानता की अच्छी क्रिकेट कैसे खेलते है,
लेकिन मुझे इतना पता है की अच्छी चाय कैसे बनाई जाती है,
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धन्यवाद आप ऐसे ही लिखते रहिए, आगे चलकर आपका ब्लॉग बहुत प्रोग्रेस करेगा
आप सभी का आभार और धन्यवाद ऐसे ही प्यार बनाए रखिए